Saturday, August 9, 2025

 Har Ghar Tiranga 2025 – A Wave of Patriotism this 
Independence Day

                                             Happy Independence Day to all

As India celebrates its 79th Independence Day on 15th August 2025, the Har Ghar Tiranga campaign has once again ignited a wave of patriotism across the nation. This initiative, launched under the Azadi Ka Amrit Mahotsav, encourages every Indian to hoist the Tricolour at their homes, offices, schools, and communities – turning streets and skylines into a sea of saffron, white, and green.

🌟 What is Har Ghar Tiranga?

The campaign, first introduced in 2022, aims to bring the national flag closer to the hearts of citizens. It is more than just a display of the Tricolour – it’s a symbol of unity, pride, and the collective spirit of a billion dreams.

From 13th to 15th August 2025, citizens are encouraged to:

  • Hoist the national flag at their homes.

  • Share selfies with the Tiranga on social media using #HarGharTiranga.

  • Educate children about the history and respect for the flag.


📰 Har Ghar Tiranga 2025 – Key Highlights

  1. Uttar Pradesh – The state government has announced the distribution of 60 lakh flags free of cost in urban poor localities, with the help of self-help groups employing nearly 29,000 women.

  2. Telangana – The BJP has planned to distribute 40 lakh flags across the state, linking it with patriotic outreach programs.

  3. Tamil Nadu – A unique Tricolour Exhibition at Madurai Junction railway station showcases the history of the national flag.

  4. Bhopal, Madhya Pradesh – Massive rallies, cultural programs, and cleanliness drives are planned to honor the campaign.


🇮🇳 The Spirit of Independence Day 2025

This year’s Independence Day theme is “Nation First, Always First”, highlighting the importance of unity, service, and dedication to the motherland. Schools, government buildings, and private institutions are preparing special programs – from patriotic songs and street plays to kite festivals featuring the Tricolour.

Prime Minister Narendra Modi has called upon every citizen to join the campaign, stating:

“When every home flies the Tiranga, the message of unity and pride will echo in every heart.”


🏆 How You Can Participate

  • Hoist the flag at your home from 13–15 August.

  • Follow the Flag Code of India to ensure proper display and respect.

  • Organize a small community event – flag-hoisting, singing the national anthem, or a quiz on India’s freedom struggle.

  • Support local flag-makers, especially Khadi weavers.


❤️ Why Har Ghar Tiranga Matters

The Tiranga is more than a piece of cloth – it’s a story of sacrifice, courage, and the vision of a free India. By participating in Har Ghar Tiranga 2025, we are not just honoring our history, but also strengthening our unity for the future.

So, let’s make this Independence Day unforgettable.
Let the Tricolour fly high – in our homes, in our streets, and in our hearts.

Jai Hind! 


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Thursday, July 3, 2025

नशा मुक्त भारत अभियान

                                           "नशा मुक्त भारत अभियान"

Nasha Mukti Abhiyan: A Step Towards a Drug-Free India

🟢 Launched By:

Ministry of Social Justice and Empowerment, Government of India

📅 Launch Date:

15th August 2020

🧾 Useful Helpline Numbers:

  • National Drug De-Addiction Helpline: 14446 (Toll-Free)

Nasha Mukti Abhiyan is a national campaign launched by the Government of India to combat the growing menace of drug and substance abuse, especially among the youth. Initiated by the Ministry of Social Justice and Empowerment, the campaign aims to create awareness about the harmful effects of drugs and alcohol, and to promote a healthy, addiction-free lifestyle.


The Abhiyan focuses on community participation, involving schools, colleges, NGOs, local leaders, and government bodies. Awareness programs, rallies, street plays, seminars, and counseling sessions are organized across the country, especially in the 272 most affected districts. The campaign also emphasizes the rehabilitation of addicts through treatment and skill development.

Drug abuse not only ruins individual lives but also affects families and communities. Through Nasha Mukti Abhiyan, the government encourages people to come forward, support affected individuals, and help build a strong and drug-free nation.

Every citizen has a role to play in this mission. Spreading awareness, supporting victims, and saying no to drugs can make a huge difference. Together, we can create a healthier and brighter future for the coming generations.



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Wednesday, June 18, 2025

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - इतिहास , उपयोगिता एवं अन्य जानकारी

 

कब हुई शुरुआत?

  • हर साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह से ही योग करते हैं। 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल पर दुनिया के लगभग सभी देश स्वस्थ रहने के लिए योग के प्रसार की इस मुहिम में शामिल हुए थे।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों?

  • 21 जून को हर साल पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है। इस दिन की खासियत है कि ये साल के 365 दिन में से सबसे लंबा दिन होता है। 21 जून को उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है, जिसकी वजह से ये सबसे लंबा दिन होता है। ऐसे में योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है। इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।

इस दिन हुई थी घोषणा

  • वहीं, 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद अगले साल यानी 21 जून 2015 को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, और तब से हर साल इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो (International Yoga Day Logo)

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लोगो में एक व्यक्ति को दोनों हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है, 
  • जो की योग के साथ साथ, मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच की एकता को दर्शाता है.
  • इस लोगो को बनाने में हरे, भूरे, पीले और नीले रंग का इस्तेमाल किया गया है और ये रंग 
  • अलग अलग चीजों को रिप्रेजेंट करते हैं.
  • योग के लोगो में दिखाई गई, हरे रंग की पत्तियां प्रकृति का प्रतीक हैं, भूरे रंग के पत्तियां 
  • पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं, नीला रंग पानी का प्रतीक है, पीला रंग आग तत्व का प्रतीक है
  •  और सूरज ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है.
  • इसके अलावा इस लोगो में सबसे नीचे ‘योग फॉर हारमनी एंड पीस’ लिखा गया है. 
  • क्योंकि योग की मदद से लोगों को हारमनी एंड पीस मिलता है.

महत्वपूर्ण योगासन के नाम (Yoga asanas with names and

 information Protocol)

यहाँ पर हम आपको कुछ योगासन एवं उसे किस तरह से किया जाता है उसकी जानकारी देनेजा रहे हैं, जोकि इस प्रकार है –

ताड़ासन

इसमें सीधे खड़े होकर धीरे- धीरे अपना पूरा वजन पंजे पर डालते हैं और एड़ी को उपर उठाते हैं. 

इस स्थिती को दौहरता  हैं और इसी स्थिती में कुछ देर खड़े रहते हैं इसे होल्ड करना कहते हैं.

पादहस्तासन

सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकते हैं और घुटने मोड़े बिना अपने पैरो के अंगूठे छूते हैं.

 इसके बाद अपने सिर को जन्घो पर टच करने की कोशिश करते हैं.

शीर्षासन

इसमें सिर के बल पर खड़ा हुआ जाता हैं.

त्रिकोणासन

इसमें सीधे खड़े होकर पैरो के मध्य कुछ जगह की जाती हैं. कमर से नीचे की तरफ झुकते हैं

 साथ ही बिना घुटने मोड़े सीधे हाथ से उलटे पैर के पंजे को एवम उलटे हाथ से सीधे पैर के पंजे को स्पर्श करते हैं.

वज्रासन

दोनों पैरो को मोड़ कर, रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर अपने हाथों को घुटनों पर रखते हैं.

शलभासन

इसमें पेट के बल लेता जाता हैं एवम हाथो और पैरो को सीधे हवा में खोल कर रखा जाता हैं.

धनुरासन

इसमें पेट के बल पर लेट कर हाथो से पैरो को पकड़ा जाता हैं. एक धनुष का आकार बनता हैं.

चतुरङ्गदण्डासन

इसमें उलटा लेट कर अपने हाथ के पंजो एवम पैर की उँगलियों पर शरीर का पूरा बैलेंस

 बनाया जाता हैं.

भुजङ्गासन

इसमें उल्टा लेट कर पेट, जांघ, घुटने एवम पैर के पंजे सभी जमीन पर होते हैं और शरीर के आगे का हिस्सा हाथों के बल पर उपर की तरह उठाया जाता हैं. इसमें हाथ की कोहनी थोड़ी सी मुड़ी हुई होती हैं.

ऐसे ही कई आसन है, जिन्हें आपको सीख कर रोजाना करना चाहिये. आसन दुबले एवम पतले सभी लोगो के लिए हितकारी हैं. विशेष बात आसन करते वक्त व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के हिसाब से ही आसन करना चाहिये, सभी के शरीर का लचीलापन अलग होता हैं और वह उसी के मुताबिक आसन कर पाता हैं.

अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

योग जीवन के लिए उतने ही जरुरी है, जितना की एक BP के मरीज को उसकी टेबलेट. किसी बीमारी में पड़कर फिर उसके इलाज के लिए इधर उधर भागना और बहुत खर्चा करना, इससे बेहतर हैं आज से ही योग के लिए वक्त निकालना. ना इसमें कोई खर्चा होता हैं और न ही कोई नुकसान. योग के बस फायदे होते हैं, जिन्हें दुनिया के सभी लोगो ने माना है, इसलिए देश में अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा हैं. दुनिया में बढ़ती हुई बीमारियों को देखते हुए यह बहुत अच्छा निर्णय हैं जो विश्वस्तर पर लिया गया हैं. जरुरी नहीं हैं कि योग के लिए कई घंटो का वक्त निकाला जाए, 30 मिनिट भी आपके लिए फायदेमंद होंगे. योग केवल मोटे लोगो या बीमार लोगो के लिए ही जरुरी नहीं हैं. योग व्यक्ति का सर्वांगिक विकास करता हैं. शारीरिक विकास के साथ मनो विकास भी करता हैं.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उद्देश्य

योग दिवस की घोषणा के पीछे एक ही उद्देश्य है, धर्म जाति से उपर उठकर समाज कल्याण के लिए एक शुरुआत करना. योग से जीवन के हर क्षेत्र में लाभ हैं इससे कई तकलीफों का अंत हैं. अतः सभी धर्म एवम जाति में योग के प्रति जागरूकता होनी चाहिये.

योग के फायदे (Benefits Of Yoga)

फिटनेस

योग से शारीरिक तंदुरुस्ती तो आती ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मानसिक शांति मिलती हैं. इससे मन शांत रहता हैं एवम तनाव कम होता हैंसाथ ही यह शरीर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित भी करता हैं. योग से जीवन के सभी भाव नियंत्रित होते हैं जैसे ख़ुशी, दुःख, प्यार.

शरीर स्वस्थ रहता हैं :

योग  से शरीर का ब्लड का प्रवाह नियंत्रित रहता है, जिससे शरीर में चुस्ती आती है, जो कि हानिकारक टोक्सिंस को बाहर निकालती है, जिससे शरीर के विकार दूर होते हैं और रोगियों को इससे आराम मिलता हैं. साथ ही सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं. जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं.

वजन कम होता हैं :

योग की सबसे प्रभावशाली विधा हैं सूर्य नमस्कार, जिससे शरीर में लचीलापन आता हैं. रक्त का प्रवाह अच्छा होता हैं. शरीर की अकड़न, जकड़न में आराम मिलता हैं. योग से वजन नियंत्रित रहता हैं. जिनका वजन कम है, वह बढ़ता हैं और जिनका अधिक हैं कम होता हैं.

चिंता का भाव कम होता हैं :

योग से मन एकाग्रचित्त रहता है, उसमे शीतलता का भाव आता है और चिंता जैसे विकारों का अंत होता हैं.योग से गुस्सा कम आता है, इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे शारीरिक एवम मानसिक संतुलन बना रहता हैं.

मानसिक शांति

योग से मन शांत रहता हैं. दिमाग दुरुस्त होता है, जिससे सकारात्मक विचार का प्रवाह होता हैं. सकारात्मक भाव से जीवन का नजरिया बदल जाता हैं. इन्सान को किसी भी वस्तु, अन्य इन्सान या जानवर में कुछ गलत दिखाई नहीं देता. किसी के लिए मन में बैर नहीं रहता.इस तरह योग से मनुष्य का मनोविकास होता हैं.

मनोबल बढ़ता हैं :

योग से मनुष्य में आत्मबल बढ़ता हैं, कॉन्फिडेंस आता हैं. जीवन के हर क्षेत्र में कार्य में सफलता मिलती हैं. मनुष्य हर परिस्थिती से लड़ने के काबिल होता हैं. साथ ही जीवन की चुनौतियों को उत्साह से लेता हैं

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं :

योग  से उपापचय की क्रिया दुरुस्त होती हैं और श्वसन क्रिया संतुलित होती हैं जिससे मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं. बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने के लिए शक्ति का संचार होता हैं. योग एवम ध्यान में बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए उपाय हैं.

जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता :

योग को आप जादू भी कह सकते है, नियमित योग करने से जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं. आत्मबल बढ़ता हैं, सकारात्मक भाव आता है, साथ ही आत्म विश्वास में भी वृद्धी होती है, जिससे जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं.

ऊर्जा बढ़ती हैं :

मनुष्य रोजाना कई गतिविधियाँ करता है और दिन के अंत में थक जाता है, लेकिन अगर वह नियमित योगा करता है, तो उसमे उर्जा का संचार होता हैं. थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता. सभी अंगो को अपना कार्य करने के लिए पर्याप्त  उर्जा मिलती है, क्यूंकि योग से भोजन का सही मायने में पाचन होता हैं जो दैनिक उर्जा को बढ़ाता हैं.

शरीर लचीला बनता हैं

योग से शरीर की जकड़न खत्म होती हैं. शरीर में वसा की मात्रा कम होती हैं जिससे लचीलापन आता हैं. लचीले पन के कारण शरीर में कभी अनावश्यक दर्द नहीं रहता. और शरीर को जिस तरह का होना चाहिये, उसकी बनावट धीरे-धीरे रोजाना योग करने से ठीक हो जाती हैं.

भारत को योग का जनक क्यों कहते हैं ?

अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की बात हो रही है तो भारत की बात क्यों ना हो! क्योंकि योग का इतिहास भारत में ही है. माना जाता है की योग का इतिहास आज से 27000 साल पुराना है. कहते हैं की 200 ई.पू.महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र को लिखा था. योग संस्कृत से प्राप्त हुआ शब्द है, यही वजह है की एक समय यह सिर्फ हिन्दू धर्म के लोगों तक सीमित था. महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग के बारें में भी बताया,उन्ही की वजह से यह एक धर्म में ना रहकर सम्पूर्ण दुनिया में फैलाया गया. आज विज्ञान भी योग के महत्व को बताती है. आज योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बना हुआ है चाहे वह स्वास्थ्य के लिए हो या आत्मशांति के लिए|

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अनमोल वचन (Yoga Quotes in Hindi)

  • योग करने से ना केवल बॉडी को पावर और एनर्जी मिलती है,
  •  बल्कि मन को पीस भी मिलता है. इसलिए हर दिन योग 
  • करने से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत और हेल्दी रहता है.
  • योग की सहायता से व्यक्ति को उन चीजों को सही करने 
  • की ताकत मिलती है, जो कि सही हो सकती हैं और उन 
  • चीजों को सहने की भी ताकत मिलती हैं, जो कि सही नहीं हो सकती हैं.
  • योग कोई धर्म नहीं है, ये एक साइंस, साइंस ऑफ़ वेल बीइंग,
  •  साइंस ऑफ़ यूथफुलनेस, साइंस ऑफ़ इंटेग्रटिंग बॉडी, माइंड एंड सोल है
  • जो लोग बहुत अधिक खाना खाते हैं वो लोग योग नहीं कर
  •  सकते हैं, जो व्यक्ति बिल्कुल खाना नहीं खाते हैं, उनके
  •  लिए भी योग संभव नहीं है. इसके साथ ही जो बहुत ज्यादा 
  • सोते हैं,या फिर बहुत ज्यादा जागते हैं उनके लिए भी योग करना पॉसिबल नहीं है.


सन्दर्भ  - https://www.deepawali.co.in/international-yoga-divas-in-hindi.html

https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/

international-yoga-day-2021-theme-history-know-the

-importance-and-theme-of-international-yoga-day-here

https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/

international-day-of-yoga-21st-june-in-hindi-1466428982-2


Wednesday, October 2, 2024

गांधी जयंती

                                                        


दांडी मार्च की गूंज बड़ी,
हर दिल में नई आस जगी।
नमक सत्याग्रह से तुमने,
दुनिया को संदेश दिया।
अंग्रेजों की सत्ता को, 
नमक से ही ध्वस्त किया।



आज गांधी जयंती है। आज से करीब 155 साल पहले गुजरात के एक छोटे से शहर पोरबंदर में जब एक बच्चे का जन्म हुआ, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि उसके नाम के साथ हमेशा के लिए 'महात्मा' जुड़ जाएगा। किसी ने ये सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो बच्चा बड़ा होकर 'राष्ट्रपिता' कहलाएगा। कि पूरी दुनिया उसे प्यार से 'बापू' कहकर बुलाएगी।

गांधी जयंती जीवन परिचय

  • मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात के एक सामान्य परिवार में हुआ था। 
  • उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। 
  • माता पुतलीबाई धार्मिक स्वभाव की थीं एवं पिता करमचंद बहुत सज्जन थे और इसका गांधीजी के व्यक्तित्व पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा| 
  • गाँधीजी ने प्राथमिक और उच्च शिक्षा गुजरात में प्राप्त की। 
  • बापू बचपन में एक साधारण छात्र थे। 
  • स्वभाव से गांधीजी अत्यधिक शर्मीले एवं संकोची थे।
  • उन्होंने अपने असाधारण कार्यों एवं अहिंसावादी विचारों से केवल भारत देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की सोच बदल दी। 
  • उनके जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर को विषा शांति दिवस मनाया जाता है। 

गांधी जी के सिद्धांत

गांधी जी सत्य, अहिंसा और सादा जीवन जीने में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि किसी भी समस्या को हल करने के लिए हिंसा का सहारा लेना गलत है। अपनी इसी विचारधार के साथ उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई भी लड़ी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी यात्रा जैसे अहिंसात्मक आंदोलन चलाए। गांधी जी का दांडी मार्च (नमक आंदोलन) तो पूरी दुनिया के कई देशों के लिए अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ सत्याग्रह की मिसाल बना। जिसने बड़ी से बड़ी सत्ता को झुकने पर मजबूर कर दिया।

गांधी जयंती जीवन परिचय

  • मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात के एक सामान्य परिवार में हुआ था। 
  • उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। 
  • माता पुतलीबाई धार्मिक स्वभाव की थीं एवं पिता करमचंद बहुत सज्जन थे और इसका गांधीजी के व्यक्तित्व पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा| 
  • गाँधीजी ने प्राथमिक और उच्च शिक्षा गुजरात में प्राप्त की। 
  • बापू बचपन में एक साधारण छात्र थे। 
  • स्वभाव से गांधीजी अत्यधिक शर्मीले एवं संकोची थे।
  • उन्होंने अपने असाधारण कार्यों एवं अहिंसावादी विचारों से केवल भारत देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की सोच बदल दी। 
  • उनके जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर को विषा शांति दिवस मनाया जाता है। 
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